नवीन को मरणोप्रान्त सरकार की तरफ से ऑपरेशन बवंडर के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। जिसे लेने उसके माता पिता दिल्ली, राष्ट्रपति भवन में आए थे। उसके माता पिता वहां गर्व से खड़े रहे लेकिन जब वहां सबके सामने नवीन की बहादुरी की गाथा सुनाई गयी तो दोनों बिलख पड़े। वहां बैठे हर किसी की आँखें नम हो आयी थीं। नवीन की माँ रानी देवी की तो रोते हुए इतनी बुरी हालत हो गयी थी कि खुद राष्ट्रपति जी को प्रोटोकॉल तोड़कर उनके करीब जाकर उनके कंधे पर हाथ रखकर उन्हें संभालना पड़ा।
संग्राम उस वक़्त रिकवर कर रहा था। जब उसने अपने फ़ोन पर उस अवार्ड सेरेमनी की वीडियो में नवीन के माँ बाप के रोते बिलखते चेहरे देखे तो उनका सामना करने की हिम्मत उसने तभी खो दी थी। उनकी तकलीफ देखकर उसे खुद अपनी तकलीफ का एहसास हुआ था जिसे वो शायद अंदर कहीं दफन करना चाहता था।

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